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Friday, 21 December 2012

ओ नारी


ओ नारी
तू है शेरनी
बस भूल गयी है तू
अपना अस्तित्व

तेरे आगे क्या बिसात
इन भेड़ियों की
क्या औकात

तू टूट पड़
बन रणचंडी
कर दे कुत्ते को
तार-तार

तू उठ पहले
तुझे देख कर
होंगी प्रेरित
बहनें सारी

बना दे उनको भी
शेरनी
ओ नारी
तू है शेरनी

सचिन पी पुरवार

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