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Sunday, 20 May 2012

भाई-बहन का प्यार


समर्पित ये  भावपूर्ण कविता  मेरी बहनों को
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"यूँ तो रिश्ते कई जगत में, प्यारा इक संसार
उनमे से इक ये रिश्ता भी, भाई-बहन का प्यार

बहने चिड़िया धूप सी, दूर गगन संसार
उनमे से इक ये रिश्ता भी, भाई बहन का प्यार

गलती करे और माँ डांटे, तब बस वो मुझको ही ताके
ऐसी उसकी आस
कितना प्यारा रिश्ता ये  है, ये भाई बहन का प्यार

मैं भी करूँ गलतियाँ तब बस वो ही मुझे बचाए
जादू की झप्पी भी दे वो अपनी गोद लिटाये
कितना  वो रखती है मेरा पल-पल हर पल ख्याल
कितना प्यारा रिश्ता ये  है ये, भाई बहन का प्यार

पड़े जरुरत मुझको तब वो कभी न पीछे हटती
सारे काम चलाती मेरे, मदद वो हर पल करती
कितना वो रखती है मेरा पल-पल हर पल ख्याल
कितना प्यारा रिश्ता ये  है ये भाई बहन का प्यार

प्रीत पराई सी तू बहना इक दिन मुझे रुलाएगी
छोड़ के जब तू बाबुल घर प्रियतम के को घर जाएगी
फिर  भी तू रखती है मेरा पल-पल हर पल ख्याल
कितना प्यारा रिश्ता ये  है ये भाई बहन का प्यार"
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रचित - सचिन पुरवार जी            

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