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Sunday, 6 May 2012

बस प्यार हुआ


Sachin Purwar ji 
Tuesday -31-jan-2012


बस शाम हुई
और चाँद खिला


मन में भी उठी उमंगें थी 
बस प्यार हुआ बस प्यार हुआ


किस लड़की से मुझे प्यार हुआ
ना मैं जानू ना वो जाने


लेकिन एक पल को सपने में
हो गयी थी मेरी शादी थी 


हम सबकी लाइफ के मंडप में 
हर सुख औ ख़ुशी कुवारीं हैं 


अब जाएँ मांगने हम किससे 
हर कोई यहाँ भिखारी है


कहकहों के रेले में 
आँसुओं का नाता है


जाने मेरी किस्मत ने 
कैसा खेल खेला है 


ये तो चाँद है, चांदनी बिखेरेगा
कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है


रचित - सचिन पुरवार जी

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