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Wednesday, 9 May 2012

माँ अष्ठभुजी दुर्गा


जय माता दी........जय माता दी........जय माता दी 



चेत्र लाई आँचल ममता का दौड़ो सारे भक्तों
हर मंदिर में दीप जला दो गाओ सारे भक्तों


नवरात्री का पावन अवसर नववर्ष को लेकर आया
सिंह सवारी माँ के आने का शुभ सन्देश ले लाया


जय माँ जय माँ करके हम भक्ता दर्शन को आये
आशा की एक ज्योति ह्रदय में रचा बसा कर लाये


शक्ति पुंज माँ अष्ठभुजी दुर्गा तेरे हैं रूप कई
दर्शन को अँखियाँ प्यासी है किरण दिखा दे एक नयी


दुर्गा तू है सरस्वती तू काली की अवतारी माँ
सारे जग की जननी तू है महा कल्याणकारी माँ


नवरात्रि व्रत जो भी रखे तू उसका कल्याण करे
महाम्र्त्युम जय मंत्र जपे जो माँ उसमे तू प्राण भरे !!!



रचित - सचिन पुरवार जी 

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