मित्रों कृपया ध्यान दीजिये
हम सभी को सरदारों पर जोक बनाना बड़ा ही अच्छा लगता है पर क्या हम जानते हैं कि केवल सरदार ही सबसे ज्यादा कठिन परिश्रमी, समृधि संस्था वाले होते हैं
आपके सामने एक घटना प्रस्तुत है
मैं इसे आप सबसे शेयर करना चाहता हूँ
पिछली गर्मियों के दौरान मेरा कुछ मित्र दिल्ली गये...उन्होंने स्थानीय जगह के लिए किराये पर एक टेक्सी की जिसका ड्राइवर एक वृद्ध सरदार था ... उन्होंने उस वृद्ध सरदार को परेसान करने के लिए सरदारों पर जोक मरने शुरू कर दिए ... अब उनके आश्चर्य की कोई सीमा नहीं रही जब उन्होंने उसे किराया भुगतान किया .... उस सरदार ने मेरे उन दोनों मित्रों से किराया नहीं लिया बल्कि इसके स्थान पर उन दोनों को एक-एक रुपया अधिक देते हुए बोला, " मेरे बच्चों, तुम दोनों सुबह से सरदारों पर जोक मर रहे हो... मुझे बहुत बुरा लगा" फिर भी मैंने इसे दिल से नहीं लिया, तुम लोग युवा पीढ़ी के हो अभी बहुत कुछ देखना वाकी है .... अब मैं तुम्हें एक रुपया दे रहा हूँ । इसे तुम किसी ऐसे पहले सरदार को दे देना जो भीक मांगता दिखी दे जाये
मेरे मित्र आज भी वो रुपया ले क्र घूम रहें पर उन्हें कहीं ऐसा सरदार नहीं मिला जो भीख मांगता हो
सीख - सरदार लोग पूरी तन्मयता के साथ अपने काम को अंजाम देते हैं .... वे कोई भी काम कर सकते हैं जैसे ट्रक चलाना, फलों का ठेला लगाना आदि ..पर कभी भीक नहीं मांगते
इसीलिए उन पर जोक मरना बंद करो और उनसे कुछ सीख लो ........
हम भी आपके साथ हैं
सचिन पुरवार जी
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