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Wednesday, 9 May 2012

गम पिए इंसान है वो, जिन्दगी जीते सभी


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"ऐ खुदा दे दे तू सारे दर्द-ऐ-गम मुझको अभी 
वो नहीं सह पायेगी ये दर्द रो देगी अभी
ये सुगम हालत हैं जो मिल न पाएंगे कभी
गम पिए इंसान है वो, जिन्दगी जीते सभी 


सिलसिले मिटने न पायें ऐ खुदा नेमत तू कर
जिन्दगी जीने की हसरत ऐ खुदा कीमत तू कर
ऐ खुदा नीलाम कर दूँ जिन्दगी अपनी अभी
गम पिए इंसान है वो, जिन्दगी जीते सभी


उसकी एक एक साँस और ख़ुशबू पे कुर्वान मैं हुआ
खुबसूरत रूठ जाना फिर मानना भी हुआ
याद आती है वो मुझको ऐ खुदा अब हर घडी
गम पिए इंसान है वो, जिन्दगी जीते सभी


सारी शर्तें मानता हूँ बस कि वो खुश ही रहें
जिन्दगी में मेरी खुशियाँ भी रहें या न रहें
गर तू कर दे सांसे मेरी नाम उसके सब अभी
गम पिए इंसान है वो, जिन्दगी जीते सभी


आज मेरा नाम उनके होंठों पे अवाद है
दूर रहकर पास हैं वो क्या अनोखा साथ है
मुस्कराकर झेलता हूँ आज उलझन मैं सभी
भूलकर भी याद रखना क्या गज़ब तालीम भी
गम पिए इंसान है वो, जिन्दगी जीते सभी
गम पिए इंसान है वो, जिन्दगी जीते सभी"

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सचिन पुरवार जी 
01-Apr-2012 

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