Followers

Friday, 25 May 2012

पेट्रोल के दाम छूते आसमान


पेट्रोल के दाम की कीमत जैसे पेड़ खजूर
गाड़ी को मिलना नहीं, मालिक है मजबूर

पंजे की सरकार में नेता सब बेकार
खून चूसने को सब बैठे खोले दांत हज़ार

पेट्रोल की लग गयी साढ़े साती भाई
जैसे बूंद जिन्दगी की दो वैसे लेव चुवाई

सबसे बढ़िया सायकिल समाजवाद है भाई
खींच-खींच पहुँचो गंतव्य अच्छी कसरत भाई

बीत गए दिन खूब अब कांग्रेस के राज में
कोई नहीं दम अब रही मनमोहन के ताज में

राज चलायें देश में राजद्रोह गद्दार
कैसे पनपे देश जब हाथ इनके हथियार


थाम लो भइयों हाथ में लाठी तीर मशाल
देशद्रोहों को देश से गोली मार निकाल


रचित - सचिन पुरवार जी

No comments:

Post a Comment