लाइक
लाइक क्या है
पसंद करना स्टेटस को
या
स्टेटस लेखक को
जाती है समझ मेरी
जिस मोड़ तक भी
लाइक करते हैं हम लेखक को
लेखनी तो दूसरी अभिव्यक्ति है
ये अनुभव है मेरा
ये अनुभव है तेरा
जब भी आता है नया सवेरा
डालता हूँ स्टेटस कोई टेड़ा-मेडा
लोग तो करते हैं लाइक उसे भी
लोग, जो न तो करते हैं पसंद मुझे न लेखनी को मेरी
देखि बस वाल करने लगे लाइक न मुझे न लेखनी को मेरी
फिर देखता हूँ उन लाइकर्स को
समझ जाता हूँ की लोग
लोग करते हैं जो पसंद आपको
करेंगे पसंद आपके लेख को भी
लोग, जिनके लिए आप मात्र बोझ भर हैं
लिख देना कितना भी अच्छा आप
लाइक करना तो दूर, पड़ना भी पसंद नहीं करेंगे आपको
इस अनुभव का मालिक सिर्फ मैं ही नहीं, आप सब भी हैं ,
बस दिल की बात को शब्दों की दीवार पर उतारा है ........
रचित - सचिन पुरवार जी
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