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ऐ दोस्त तेरी दोस्ती क्या रंग लाई है
खुशबू कोई बिखेरती तरंग आई है
इस दोस्ती पे मुझको बड़ा ही नाज़ है
सुन लफ्ज़ लव पे तेरे मुस्कान आई है

कर वादा मुझसे यारा न तोड़ेगा मुझसे यारी
तेरी बात इस जहाँ में मुझको है सबसे प्यारी
इस दोस्ती की मस्ती तन-मन में छाई है
सुन लफ्ज़ लव पे तेरे मुस्कान आई है
दम चाहें निकले मेरा छोडूं न साथ तेरा
तेरी दोस्ती से बढ़कर कुछ न जहाँ में मेरा
इस दोस्ती की रंगत बहार लाई है
सुन लफ्ज़ लव पे तेरे मुस्कान आई है
सुन लफ्ज़ लव पे तेरे मुस्कान आई है
रचित - सचिन पी पुरवार
बहुत बढिया
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