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Saturday, 9 June 2012

समां बदल जायेगा


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गर थाम लो अपने हाथो में यूँ हाथ मेरा
दावा है मेरा, जहाँ बदल जायेगा
तुम दोस्तों से ही दुनिया है
हमें भी वो मान लो तो समां बदल जायेगा

न कोई है हसरत उमंगें न कोई
रहे दोस्त खुश बस हमेशा हमेशा
यही ख्वाब मौला तू साकार कर दे
उठती नहीं अब तरंगें भी कोई

ऐ मौला तू ले ले मेरी खुशियों के पल
चाहत यही दोस्त के नाम कर दे
उसे देखकर सच्ची खुशियाँ मिलेगी
ऐ मौला तू मेरा यही काम कर दे


रचित - सचिन पुरवार जी

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