इस रचना को फेसबुक में पढने के लिए कृपया यहाँ क्लिक करें | धन्यवाद
गर थाम लो अपने हाथो में यूँ हाथ मेरा
दावा है मेरा, जहाँ बदल जायेगा
तुम दोस्तों से ही दुनिया है
हमें भी वो मान लो तो समां बदल जायेगा

न कोई है हसरत उमंगें न कोई
रहे दोस्त खुश बस हमेशा हमेशा
यही ख्वाब मौला तू साकार कर दे
उठती नहीं अब तरंगें भी कोई
ऐ मौला तू ले ले मेरी खुशियों के पल
चाहत यही दोस्त के नाम कर दे
उसे देखकर सच्ची खुशियाँ मिलेगी
ऐ मौला तू मेरा यही काम कर दे
रचित - सचिन पुरवार जी
No comments:
Post a Comment