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Saturday, 16 June 2012

Happy Father's Day-17-jun-2012


कभी नहीं पटती पापा से फिर भी पापा मेरे हीरो
पड़ा तमाचा इक गलती पे फिर भी पापा मेरे हीरो

मुझे याद है बचपन में मैं बहुत शरारत करता था
पापा नित नए लायें खिलौने तोड़ तोड़ मैं रखता था,

नयी किताबें पापा लाते मनमोहक खुशबु से सरोवार
फटने में बस दिन लगते थे एक दो या फिर तीन चार,

बड़ा हुआ धीरे धीरे मैं समझ आई मुझमे थोड़ी
जिसकी आस तो पापा ने न जाने कब से थी छोड़ी ... :-P

गलती करके बहस यूँ करना जैसे सारी दुनिया देखी
भूल के सारी बातों को कि उनसे ही दुनिया सीखी

नमन आज इस पावन दिन पर श्रद्धा से स्वीकार करो
भूल के सारी बातें मेरी चरणस्पर्श स्वीकार करो






सचिन पुरवार (इटावा)

1 comment:

  1. बहूत सुन्दर लेख है पापा के लिए बहूत सुन्दर लेख है पापा के लिए

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