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Saturday, 9 June 2012
कब तलक मुस्काऊंगा मैं
लूट कर ये वाह वाही कब तलक जी पाउँगा मैं
प्यार पाके बेमुरब्बत कब तलक मुस्काऊंगा मैं
बस करो तारीफ बस अब दो दुआ कर पाऊं कुछ मैं
ये हुआ तो वाह वाही गैरों से भी पाउँगा मैं ....
रचित - सचिन पुरवार जी
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