Followers

Monday, 14 May 2012

सुपर डुपर हो जायेंगे


मित्रों सुप्रभात 
आपके लिए प्रस्तुत है एक ताज़ा-तरीन प्रातःकालीन कविता 




"नयी सुबह की नयी ताजगी नया रंग बिखराती है 
धो देती है आलस सारा अंग-अंग महकती है


सूर्यदेव के उठने से पहले उठ जाओ मित्रों आप
दिनचर्या जो सुबह की है वो भी जल्दी निपटा लो आप


करो नाश्ता सुबह सुबह ही इसको बिलकुल मत टालो
फलाहार या हल्का फुल्का जो भी खाओ वो खा लो


नित ये काम करोगे तो दिन सुपर डुपर हो जायेंगे
कार्य क्षेत्र में भी उपलब्धि मित्रों निश्चित पाएंगे"


रचित - सचिन पुरवार जी

1 comment:

  1. ‎*जो चीजें कष्ट देती है वे ही आपको प्रशिक्षित करती है ........*
    सभी मित्रो को .......:):)....शुभ प्रभात ...........

    ReplyDelete